Bihar News : बिहार में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई। इसमें जिलाध्यक्षों के अलावा सिर्फ 100 सदस्य शामिल हुए। बेहद अहम मीटिंग में जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार के विकास में बीजेपी का बहुत बड़ा योगदान है। हम राजनीति में केवल समय बिताने के लिए नहीं आए हैं। हम परिवर्तन के लिए आए हैं।



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हाइलाइट्स:

  • बिहार में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई
  • मीटिंग में जिलाध्यक्षों के अलावा सिर्फ 100 सदस्य शामिल हुए
  • बिहार के विकास में बीजेपी का बहुत बड़ा योगदान है- नड्डा
  • हम राजनीति में केवल समय बिताने के लिए नहीं आए हैं- नड्डा

पटना

खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ बिहार में नीतीश कुमार के साथ 2005 से बीजेपी बनी हुई है। इसमें मीठे ज्यादा हैं, खट्टे कम। इस दरम्यान जेडीयू के लिए नीतीश कुमार 'विकास पुरुष' बन गए। इसका सियासी फायदा भी हुआ। फिलहाल बीजेपी नेतृत्व को लगता है कि जब बीजेपी सत्ता की साझीदार है तो 'विकास' का क्रेडिट सिर्फ जेडीयू मुखिया को ही क्यों मिले? बीजेपी बराबर की हकदार है। यही बात रविववार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार बीजेपी कोर टीम से कही।


'विकास' के आसपास घूमती बिहार की राजनीति

बिहार में 'विकास' के नाम पर 15 सालों से राजनीति हो रही है। 'विकास' के नाम पर वोट मांगे जाते हैं और चुनाव जीते जाते हैं। नीतीश कुमार 2005 से मुख्यमंत्री हैं। ज्यादातर वक्त बीजेपी भी उनके साथ ही रही है। नीतीश कुमार को 'विकास पुरुष' के तौर पर आमलोगों के सामने जेडीयू के नेता पेश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन वर्षों में बिहार बीजेपी नीतीश सरकार में हिस्सेदार नहीं बल्कि 'बी टीम' बनकर रह गई।


अब बीजेपी को लगता है कि उसके पास कैडर हैं, ग्राउंड पर संगठन मजबूत है, फिर भी 'विकास' का पूरा क्रेडिट नीतीश कुमार ले जा रहे हैं। इस बार बीजेपी के लिए और भी अच्छा मौका है, क्योंकि संख्या के लिहाज से सरकार में बड़े भाई की रोल में है। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चाहते हैं कि बीजेपी कार्यकर्ता इस बात को घर-घर तक पहुंचाए कि बिना बीजेपी के सहयोग के बिहार का 'विकास' संभव नहीं था और ना ही आगे संभव होगा।



नड्डा का बूस्टर डोज़ कितना कारगर होगा?

अपने बेस वोटरों को ध्यान में रखते हुए जेपी नड्डा ने लालू राज को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि 'लालू यादव जी के राज में शाम के 5 बजे के बाद कोई घर से नहीं निकल सकता था। राज्य में अपहरण एक उद्योग की तरह चल रहा था। उस दौर से निकलकर आज खिलता हुआ, आगे बढ़ता हुआ बिहार हम देख रहे हैं, इसमें भाजपा का बहुत बड़ा योगदान है।'


मीटिंग में नड्डा ने नेताओं को टिप्स दिया कि 'हम राजनीति में केवल समय बिताने के लिए नहीं आए हैं। हम परिवर्तन के लिए आए हैं, परिवर्तन की आग हमारे दिल में जलनी चाहिए और इसलिए हमें पूरी ताकत से काम में जुटकर आगे बढ़ना है।' दरअसल बिहार और दूसरे राज्यों में हुए चुनावों से निपटने के बाद पार्टी एक बार फिर नई रणनीति और नए एजेंडे के साथ कार्यकर्ताओं के बीच जाने की तैयारी में है। किस लाइन पर आगे बढ़ना है, इसका बूस्टर डोज रविवार को नड्डा ने बिहार बीजेपी को दिया है। शायद यही वजह रही है कि काफी लिमिटेड लोगों को इस मीटिंग में शामिल किया गया।


बिहार बीजेपी की बैठक अहम क्यों?

बिहार कार्यसमिति की बैठक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में हुई। इसमें केवल 100 प्रदेश पदाधिकारियों को ही शामिल होने की अनुमति दी गई थी। सभी सांसद, पूर्व सासंद, विधायक, पूर्व विधायक, विधान पार्षद, पूर्व विधान पार्षद, जिलों के प्रभारी और जिलाध्यक्ष मीटिंग में शामिल थे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसकी अध्यक्षता की। राजनीतिक प्रस्ताव उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की ओर से रखा गया। समर्थन उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव भी कार्यसमिति की बैठक में मौजूद थे।